वैभव सूर्यवंशी,

वैभव सूर्यवंशी,

बिहार के समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव मोतीपुर के रहने वाले, क्रिकेट की दुनिया में एक चमकते सितारे के रूप में उभरे हैं। महज 14 वर्ष की आयु में उन्होंने आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए पदार्पण किया, जिससे उन्होंने क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।​

प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, स्वयं एक राज्य स्तरीय क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं। हालांकि, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की मान्यता न होने के कारण वे अपने क्रिकेट करियर को आगे नहीं बढ़ा सके। वैभव के जन्म के बाद संजीव ने क्रिकेट छोड़कर घर-गृहस्ती चलाने के लिए काम करना शुरू किया।​

वैभव के क्रिकेट के प्रति लगाव को देखते हुए,

उनके पिता ने उन्हें 5 वर्ष की आयु में क्रिकेट सिखाना शुरू किया। उन्होंने समस्तीपुर के पटेल मैदान में ब्रजेश झा के प्रशिक्षण शिविर में दाखिला दिलवाया। इसके बाद, वैभव की क्रिकेट यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनके पिता ने कभी हार नहीं मानी और उन्हें हर कदम पर समर्थन दिया।​

क्रिकेट करियर की शुरुआत,

वैभव ने अपनी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत बिहार के अंडर-19 टीम से की। जनवरी 2024 में, उन्होंने महज 12 वर्ष और 284 दिन की आयु में मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया, जिससे वे बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने।​नवंबर 2024 में, उन्होंने 13 वर्ष और 241 दिन की आयु में बिहार के लिए टी20 क्रिकेट में पदार्पण किया। दिसंबर 2024 में, उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में मध्य प्रदेश के खिलाफ लिस्ट-ए क्रिकेट में पदार्पण किया, जिससे वे भारत के लिए लिस्ट-ए क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने।​

अंतरराष्ट्रीय अंडर-19 क्रिकेट में उपलब्धियाँ

वैभव ने सितंबर 2024 में भारत अंडर-19 टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ टेस्ट मैच खेला। इस मैच में उन्होंने 62 गेंदों में 104 रन बनाकर भारतीय अंडर-19 क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद, उन्होंने 2024 एशिया कप में भी शानदार प्रदर्शन किया।​

आईपीएल में पदार्पण और उपलब्धियाँ

नवंबर 2024 में, राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल नीलामी में वैभव को 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा, जिससे वे आईपीएल में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। 19 अप्रैल 2025 को, उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए आईपीएल में पदार्पण किया और पहले ही गेंद पर छक्का मारकर सबको चौंका दिया।​ 28 अप्रैल 2025 को, उन्होंने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 14 वर्ष और 32 दिन की आयु में शतक बनाकर आईपीएल में शतक बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी का रिकॉर्ड स्थापित किया। उन्होंने यह शतक केवल 35 गेंदों में पूरा किया, जो आईपीएल इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक था।​

संघर्ष और प्रेरणा

वैभव के पिता ने अपने बेटे के क्रिकेट करियर के लिए कई बलिदान दिए। उन्होंने अपनी जमीन बेचकर बेटे की क्रिकेट शिक्षा में निवेश किया। वैभव की सफलता उनके पिता के संघर्षों और समर्पण का परिणाम है।​

निष्कर्ष

वैभव सूर्यवंशी की कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा है। उन्होंने अपनी मेहनत, संघर्ष और समर्पण से यह साबित कर दिया कि यदि इरादा मजबूत हो, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सफलता भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।​ वैभव सूर्यवंशी की यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया है कि छोटे से गांव से निकलकर भी बड़े सपने देखे जा सकते हैं और उन्हें साकार भी किया जा सकता है। उनकी सफलता न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

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